कृष्णाप्रिया के स्वागत के लिए उमड़े आदिवासी
खंडवा. आदिवासी क्षेत्र लोग धर्म से जुड़े रहे और धर्म परिवर्तन की ओर अपने कदम न बढ़ाए के लिए युवा संत कृष्णप्रिया का मानना है कि ऐसे स्थानों पर कथा कर आदिवासियों को धर्म और संस्कृति से जोड़े रखे। कथा भगवान का स्वरूप होती है और कथा के माध्यम से ही हम व्यक्ति में परिवर्तन ला सकते हैं। यह बात आदिवासी क्षेत्र ग्राम गुलाईमाल में भागवत कथा का श्रवण कराने खंडवा पहुंची वृंदावन कथा वाचन कृष्णप्रिया ने पार्वतीबाई बाई धर्मशाला में उनके स्वागत के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं से कही।
दीदी ने कहा कि धर्म और संस्कृति से जुड़े रहने का सशक्त माध्यम भागवत कथा होती है और मैं अधिकांश आदिवासी क्षेत्र में ही जाकर कथा श्रवण करती हूं। देश के सभी बड़े तीर्थों में प्रभु के समीप पहुंचकर कथा का श्रवण कराने का संकल्प चल रहा है जिसके अंतर्गत जगन्नाथपुरी, द्वारका, बद्रीनाथ तीर्थों के साथ ही अन्य तीर्थों पर भागवत कथा आयोजन संपन्न हो चुका है। शीघ्र ही रामेश्वर एवं बारह ज्योतिर्लिंगों के साथ शक्ति पीठों पर भी जाकर प्रभु की भागवत को प्रभु के चरणों में पेश करूंगीं। कथा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि कथाकार कृष्णप्रिया गुरुवार को सुबह 11 बजे कर्नाटक एक्सप्रेस से खंडवा पहुंची। उनके स्वागत के लिए सैकड़ों भक्त रेलवे स्टेशन पहुंचें।
वे खालवा के आदिवासी ग्राम गुलाईमाल में 26 अक्टूबर से भागवत कथा करेंगी। स्टेशन से दीदी पार्वतीबाई धर्मशाला पहुंची जहां समिति के सदस्यों से चर्चा की। दीदी का रेलवे स्टेशन पर चैनबिहारीलाल सेवा समिति खालवा के सदस्यों व ग्रामीणों ने पहुंचकर पुष्पमाला से स्वागत किया। यहां से निजी वाहनों द्वारा दीदी का काफिला जसवाड़ी, सिंगोट, जलकुआं, राजनी, भगवानपुरा, बखार, खार, सकुवी एवं संदलपुर होते हुए खालवा पहुंचा।
खंडवा. आदिवासी क्षेत्र लोग धर्म से जुड़े रहे और धर्म परिवर्तन की ओर अपने कदम न बढ़ाए के लिए युवा संत कृष्णप्रिया का मानना है कि ऐसे स्थानों पर कथा कर आदिवासियों को धर्म और संस्कृति से जोड़े रखे। कथा भगवान का स्वरूप होती है और कथा के माध्यम से ही हम व्यक्ति में परिवर्तन ला सकते हैं। यह बात आदिवासी क्षेत्र ग्राम गुलाईमाल में भागवत कथा का श्रवण कराने खंडवा पहुंची वृंदावन कथा वाचन कृष्णप्रिया ने पार्वतीबाई बाई धर्मशाला में उनके स्वागत के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं से कही।
दीदी ने कहा कि धर्म और संस्कृति से जुड़े रहने का सशक्त माध्यम भागवत कथा होती है और मैं अधिकांश आदिवासी क्षेत्र में ही जाकर कथा श्रवण करती हूं। देश के सभी बड़े तीर्थों में प्रभु के समीप पहुंचकर कथा का श्रवण कराने का संकल्प चल रहा है जिसके अंतर्गत जगन्नाथपुरी, द्वारका, बद्रीनाथ तीर्थों के साथ ही अन्य तीर्थों पर भागवत कथा आयोजन संपन्न हो चुका है। शीघ्र ही रामेश्वर एवं बारह ज्योतिर्लिंगों के साथ शक्ति पीठों पर भी जाकर प्रभु की भागवत को प्रभु के चरणों में पेश करूंगीं। कथा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि कथाकार कृष्णप्रिया गुरुवार को सुबह 11 बजे कर्नाटक एक्सप्रेस से खंडवा पहुंची। उनके स्वागत के लिए सैकड़ों भक्त रेलवे स्टेशन पहुंचें।
वे खालवा के आदिवासी ग्राम गुलाईमाल में 26 अक्टूबर से भागवत कथा करेंगी। स्टेशन से दीदी पार्वतीबाई धर्मशाला पहुंची जहां समिति के सदस्यों से चर्चा की। दीदी का रेलवे स्टेशन पर चैनबिहारीलाल सेवा समिति खालवा के सदस्यों व ग्रामीणों ने पहुंचकर पुष्पमाला से स्वागत किया। यहां से निजी वाहनों द्वारा दीदी का काफिला जसवाड़ी, सिंगोट, जलकुआं, राजनी, भगवानपुरा, बखार, खार, सकुवी एवं संदलपुर होते हुए खालवा पहुंचा।